Gayatri Mantra meaning | गायत्री मंत्र के फायदे

गायत्री मंत्र को अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली मंत्रो में से एक माना गया है| इस मंत्र का जप के लिए ३ समय बताये गए है | इसमें गायत्री मंत्र के जप का पहला समय सुबह का है सूर्योदय से पहले मंत्र का जप शुरू किया जाना चाहिए | दोपहर को भी मंत्र का जप किया जा सकता है और मंत्र का जप शाम को सूर्यास्त से कुछ देर पहले का है|

गायत्री मंत्र : अर्थ सहित व्याख्या

ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

गायत्री मंत्र
 

Gayatri mantra meaning

गायत्री मंत्र का अर्थ

प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का हम ध्यान करते हैं, ईश्वर का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

Gayatri mantra ka arth

Gayatri Mantra meaning | गायत्री मंत्र के फायदे

कहा जाता है की गायत्री मंत्र पढ़ने से मन शांत और एकाग्र रहता है और चेहरे पर एक चमक रहती है| किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए|

गायत्री मंत्र के जप से दुःख और दरिद्रता का नाश होता है
बच्चों को गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए अगर उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता है इस मंत्र का जप करने से आप एकाग्र मन से पढ़ सकते हो
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए गायत्री मंत्र का 108 बार जप करे

Gayatri mata image

Gayatri Mantra meaning | गायत्री मंत्र के फायदे

शास्त्रों के मुताबिक इस मंत्र के 24 अक्षर 24 महाशक्तियों के प्रतीक हैं। एक गायत्री के महामंत्र द्वारा इन देवशक्तियों का स्मरण हो जाता है। ऐसी भी मान्‍यता है क‍ि 24 देव शक्तियों के ऐसे 24 चमत्कारी गायत्री मंत्र मे से, जो देवी-देवता आपके इष्ट है, उनका विशेष देव गायत्री मंत्र बोलने से चमत्कारी फल प्राप्त होता। शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक व भौतिक शक्तियों की प्राप्ति के लिए गायत्री उपासना सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। गायत्री ही वह शक्ति है जो पूरी सृष्टि की रचना, स्थिति या पालन और संहार का कारण है। वेदों में गायत्री शक्ति ही प्राण, आयु, तेज, कीर्ति और धन देने वाली मानी गई है। यही कारण है क‍ि गायत्री मंत्र को महामन्त्र कहा जाता है, जो शरीर की कई शक्तियों को जाग्रत करता है।

गायत्री मन्त्र कैसे सिद्ध होता है?

रविवार के दिन गायत्री मंत्र के जप के बाद उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने से सभी कार्य सिद्ध होती है। ऋग्वेद में गायत्री महामंत्र का उल्लेख आता है कि इसे जपने या उच्चारण करने से जीवन प्रखर व तेजोमय बनता है।

गायत्री मंत्र किसने लिखा

गायत्री मंत्र क्यों है मानव जीवन के लिए इतना महत्वपूर्ण जाने ये
शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र सृष्टि रचयिता को आकाशवाणी से मिला था। सृष्टि के निमार्ण प्रेरणा ब्रह्मा का इसी मंत्र से प्राप्त हुई थी। गायत्री के व्याख्या में ब्रह्माणी ने चारों वेदों की रचना की थी। यही वजह है कि गायत्री को वेदमाता कहा जाता है।

गायत्री मंत्र भारतीय संस्कृति का सनातन और अनादि मंत्र है। सर्ववेदानां गायत्री सारमुच्यते शास्त्रकार इसे वेद का सार कहते हैं।

● गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि गायत्री छंद समाहम इसका मतलब है कि मंत्रों में मैं गायत्री मंत्र हूं। देवी भागवत में कहा गया है कि नरसिंह, सूर्य, वराह, तांत्रिक और वैदिक मंत्रों का अनुष्ठान बिना गायत्री मंत्र के पूरा नहीं होता। इस मंत्र के उच्चारण से शरीर के उन नाड़ियो में भी प्राणशक्ति आ जाती हैं और ब्लड का सर्कुलेशन स्वस्थ हो जाता है जो निर्जीव हो चुकी हैं। इससे शरीर के सारे रोग व परेशानियां खत्म हो जाती हैं ।

● शस्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र को श्रद्धा से जपने से शारीरिक, भौतिक और आध्यात्मिक बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। इसके जप से नई शक्ति और आशाओं का संचार होता हैं जो भी इस मंत्र का जप करता है उसके गुणों में वृद्धि होती है।

● महाभारत में हैं कि भीष्म पितामाह सर शैय्या पर से युधिष्ठिा को समझाया था कि जो व्यक्ति गायत्री मंत्र का जप करता है। उसे धन, पुत्र घर के साथ सारी भौतिक चीेजें मिलती हैं। अकाल मृत्यु नहीं होती है और सारे क्लेया से बच जाता है।

गायत्री मंत्र महामंत्र

 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. hanumaanchalisa.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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